रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret
हम पुलिस वाले आपके दोस्त की तरह हैं, अगर आपको किसी प्रकार की समस्या आती है तो बेधड़क हमारे पास आएं। हम हर सम्भव कोशिस करेंगे कि आपकी समस्या का समाधान किया जा सकेगा।
आरुमबाकम स्थित एक सरकारी स्कूल के पुर्नोद्धार के बाद स्कूल प्रशासन को सौपने कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए अन्ना नगर इलाके की ज्वाइंट कमिश्नर विजय कुमारी ने कहा कि चाहे हो खाने की समस्या या फिर कोई घरेलु समस्या, आप बच्चों को किसी प्रकार की समस्या आए तो बेधडक पुलिस के पास आइये। पुलिस आपकी हमेशा मदद करेंगे।
इस मौके पर अम्बत्तूर के डिप्टी कमिश्नर ईश्वर ने बच्चों से कहा पुलिस आपके दोस्त की तरह है। आप जीतनी अच्छी तरह से पढ़ाई कीजिएगा हमारी दोस्ती उतनी अच्छी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं की आप कहां पढ़ रहे हैं महत्वपूर्ण यह है कि आप कितनी अच्छी तरीके से पढ़तें है।
पुलिस की पहचान लोगों में काफी नकारात्मक नकारात्मक बनी हुई है। इसके पीछे कई कारण है। पहला कारण तो फिल्मों से मिलता है जहां पुलिसकर्मियों के काम करने के तरीकों को अधिकांशत: नकारात्मक रूप से दिखाया जाता है। तो वहीं पुलिस का खुद का ही रवैया ऐसा रहा है जिसे लोगों के बीच उनकी नकारात्मक छवि बनी है।
तमिलनाडु पुलिस इस छवि को सुधारने में लगी हुई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक के जे के त्रिपाठी निर्देश पर लगभग हर पुलिस स्टेशन ने अपने आसपास के किसी न किसी सरकारी स्कूल को गोद ले रखा है। इन सरकारी स्कूलों में आधारभूत संरचना से लेकर स्मार्ट क्लास सूविधा हर चीज को सुधारने में तमिलनाडु पुलिस लगी हुई है।
चेन्नई में पुलिस आयुक्त ए के विश्वनाथन के नेतृत्व में चेन्नई पुलिस भी लगी हुई है। जिसमें गृह मंत्रालय दृवारा मोरल पुलीसिंग के लिए सम्मानीत चेन्नई का अन्नानगर उपपुलिस आयुक्त कार्यालय भी लगा हुआ है। अन्ना नगर के आरुमबाक्कम पुलिस थाने ने भी इसी निर्देश के तहत अपने इलाके के सरकारी प्राइमरी स्कूल को दो महिने पहले गोद लिया था और गुरुवार को स्कूल प्रशासन को एक नवीनीकृत स्कूल सौंप दिया।
यहां आयोजित एक कार्यक्रम में आरुम्बाकम पुलिस थाने दृवारा स्कूल के छात्रों को किताब, कापी, लंच बॉक्स, थर्मस, कई सारी खेल सामाग्री दी गई।
गौरतलब है कि 2 महीने पहले अरुंबकम् पुलिस स्टेशन ने इस स्कूल को गोद लिया था, उसके बाद से स्कूल के मरम्मत का काम शुरू हुआ। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह काम पुलिस वालों ने अपने जिम्मे लिया हुआ था और खुद अपनी देखरेख में सारा काम करवाया। स्मार्ट क्लास की सुविधा के लिए स्कूल प्रशासन को एलईडी स्क्रीन व अन्य तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराई गई।
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