सुधरी प्रवृत्तियों के साथ नई शुरुआत
आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
जेल की सलाखों के पीछे सजा कटने के बाद जब व्यक्ति बाहर निकलता है तो सभ्य समाज उसे बेहतर जिंदगी जीने का मौका देने के बजाय उसे हीन भावना से देखता है। यही कारण है कि आपराधिक प्रवृति वाले व्यक्ति यदि सूधरना भी चाहे तों समाज का यह रवैये उन्हें असामाजिक होने को मजबूर कर देता है।
लेकिन ऐसे लोगों को मदद के लिए इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) आगे आ रहा है। अब जो लोग जेल में रहकर अपनी गलतियों को समझ बेहतर जिंदगी जीने की तमन्ना रखते हैं, उन्हें आईओसी एक दूसरा मौका प्रदान कर रहा है। जेल में अच्छे आचरण वाले कैदी जिन्हें निर्धारित कारावास से पहले रिहा कर दिया जाता है, उनके और उनके परिवार को बेहतर कल देने के लिए व सम्मानजनक जिंदगी देने के लिए आईओसी अब अपने पेट्रोल पम्प पर रोजगार के अवसर दे रहा है।
आईओसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आईओसी ने अबतक लगभग 16 ऐसे कैदियों को अपने पेट्रेलपम्प पर नौकरी दी है। कैदियों को बेहतर जिंदगी देने की योजना में उनका यह कार्य आगे भी जारी रहेगा।
कैदियों और जेल प्रशासन की इच्छा शक्ति हो तो सुधरने-सुधारने के उपायों से खुशहाल समाज की परिकल्पना को मजबूती दी जा सकती है।
जेल में रहते हुए जीवन सुधार के परिमाणों को अपना रहे कुछ कैदियों का उत्साह इस बात का संकेत और साक्ष्य है कि चारदीवारी में कैद हो जाने से भविष्य अंधकारमय नहीं हो जाता।
उदाहरण के तौर पर पूझल केंद्रीय कारागार के 22 कैदी एक टीम के रूप में पूझल के पास के इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आइओसी) पेट्रोल पम्प पर नियुक्त किए गए हैं।
एक कैदी से जब इंफोडिया ने बातचीत की तो उसने बताया कि अब वह अपनी आपराधिक जिंदगी से ऊब चुका है। वह अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जिंदगी जीना चाहता है। उन पर प्रिजन डीआइजी मुरुगेशन की बातों का असर भी पड़ा जो कैदियों की डगर बदलने में गुरु के समकक्ष भूमिका अदा कर रहे हैं।
पेट्रोल पम्प पर तैनात एक अन्य कैदी उत्साह से लबरेज था। उसके अनुसार सदाचरण के लिए वह सजावधि पूरी होने के छह महीने पहले ही छूटने वाला है। जेल में आकर उसका जीवन सुधरा है लेकिन चिंता इसी बात की थी कि अपराधी के ठप्पे के साथ क्या उसे नौकरी मिल पाएगी? कैसे वह परिवार का पेट भरेगा? लेकिन अब उसकी यह चिंता मिट गई है। उसे यकीन है कि आइओसी के पेट्रोल पम्प पर नियुक्ति मिल जाएगी।
तमिलनाडु सरकार ने आइओसी की मदद से हाल में चौबीसों घंटे सेवाएं देने वाले पेट्रोल पम्प शुरू किए हैं जो कैदी चलाते हैं। राज्य में ऐसे पेट्रोल पम्प पूझल सेंट्रल जेल, कोयम्बत्तूर, वेलूर, पालयमकोट्टै और पुदुकोट्टै में है। जेल कैदियों को प्रशिक्षत कर उनके निर्मित उत्पाद फ्रीडम ब्रांड के तहत बेचे भी जा रहे हैं।
इन पांच पेट्रोल पम्प पर 22-22 कैदियों के हिसाब से 110 कैदियों का चयन उनकी शैक्षणिक योग्यता और व्यवहार के आधार पर हुआ। इन पेट्रोल पम्पों पर सभी बुनियादी सुविधाओं के अलावा फ्रीडम स्टोर भी है जिसमें कैदियों द्वारा निर्मित उत्पादों का विक्रय होता है। निकट भविष्य में ऐसे और पेट्रोल पम्प खोले जाने की संभावना है।
सीसीटीवी से चौबीसों घंटे निगरानी
पेट्रोल पम्प से ही कहीं इनमें से कोई भाग न जाए इसलिए सीसीटीवी कैमरों से चौबीसों घंटे नजर रखी जाती है। साथ ही पुलिसकर्मी और वार्डन सादे भेष में तैनात रहते हैं। मुरुगेशन, डीआईजी, जेल
आइओसी देगा मौका
लोग यह भूल जाते हैं कि अंगुलीमाल डाकू ही बाद में बड़ा साधु बना था। इसलिए ऐसे लोगों के जीवनयापन के लिए आइओसी रोजगार देगा। सबिता नटराजन, महाप्रबंधक कारपोरेट, आइओसी
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