रांची विधान सभा सीट की बीजेपी और जेएमएम के बीच कड़ा मुकाबला
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बिसात बिछ गयी है। एनडीए और महागठबंधन के घटक दलों के नेता चुनाव में जनता के बीच जा कर लुभावने वादे कर रहे हैं। रांची विधान सभा सीट की इस बार यहाँ बीजेपी और जेएमएम के बीच कड़ा मुकाबला है।
झारखंड के रांची विधानसभा सीट की बात करें तो अब तक यह बीजेपी की दबदबे वाली सीट मानी जाती है , क्योंकि यहां से बीजेपी 1990 से जीतते आई है ।झारखंड विधानसभा चुनाव में रांची विधानसभा क्षेत्र में चुनाव काफी रोमांचक होने वाला है। इस सीट से एक बार फिर से बीजेपी ने 6 बार के विधायक रह चुके सीपी सिंह और वही झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माजी को चुनाव मैदान में उतारा है। हालाकि वर्ष 2019 के चुनाव में सीपी सिंह ने महुआ माजी को 5904 वोटों के अंतर से पराजित किया था।।
रांची का इतिहास गवाह रहा है ,कि यहां सामाजिक और आर्थिक क्रांतियां बहुत हुई हैं. 1895 में यहां सामाजिक-धार्मिक नेता बिरसा मुंडा ने आजादी की लड़ाई लड़ी. झारखंड में बिरसा मुंडा का इतना महत्व है ,कि लोग इनके नाम के आगे भगवान लगाते हैं।।
रांची विधानसभा सीट से 1990 से लगातार बीजेपी जीतते आई है । वर्ष 2000, 2005, 2009, 2014 और 2019 में बीजेपी को जीत मिलती रही है। रांची विधान सभा से बीजेपी उम्मीदवार सीपी सिंह कह रहे है, की पाँच साल में जेएमएम की सरकार ने प्रदेश को लूटने का काम किया है ।विकास के मुद्दों को लेकर जनता कि बीच जा रहे है , रांची शीट से बीजेपी की जीत होगी यह दावा कर रहे है।।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद और रांची विधान सभा शीट की प्रत्याशी महुआ माजी ने कहा रांची बीजेपी का गढ़ रहा है। विकास के मुद्दों को लेकर जनता कि बीच जा रही है। इस बार चुनाव में जीत का दावा कर रही है।
रांची की कुल आबादी 3,78055 है. झारखंड में रांची इकलौता जिला है जहां सबसे ज्यादा लोग रहते हैं. इनमें से 1,91,524 पुरुष और 1,86,500 महिलाएं हैं.कुल आबादी 3,78,055 है । थर्ड जेंडर के 31 मतदाता है । कुल जन संख्या में वृद्धि 9.02% हुई है । जिले का औसत लिंगानुपात 949 है. रांची की 43.1 फीसदी आबादी शहरी और 56.9 फीसदी ग्रामीण इलाकों में रहती है. जिले की साक्षरता दर 76.06 फीसदी है. पुरुषों में शिक्षा दर 72.59 प्रतिशत और महिलाओं में 58.21 प्रतिशत है।।