मंदिरो से मुर्तिया ही नहीं बल्कि प्रदेश से सरकार भी गायब है : सुनील देवधर

विक्रम जैन, आईएनएन/आंध्रा प्रदेश, @Jainvikaram18

तिरुपति के संसद बल्ली दुर्गाप्रसाद राव के निधन के बाद खाली हुई तिरुपति संसद की सीट पर जल्द ही उप-चुनाव होने को है। इस सीट को लेकर वाई एस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी, तेदेपा पार्टी के साथ साथ बीजेपी और जनसेना पार्टी ने भी कमर कस ली है।

सभी पार्टियो द्वारा एक साथ ताल ठोकने से सियासी पारा एकदम चढ़ गया है। वही प्रदेश में हो रहे हिन्दू मंदिरो पर हमलो ने विपक्षी दलों को सत्तारूढ़ दल पर और हमलावर कर दिया है।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और आंध्र प्रदेश के सह-प्रभारी सुनील देवधर ने शनिवार को नेल्लोर ज़िले के गुडुर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। स्थानीय बीजेपी नेताओ ने उनका जोरदार स्वागत किया और इलाके में एक बड़ी रैली निकाली गयी।

इस मौके पर एक जन सभा को सम्बोधित करते हुए सुनील देवधर ने कहा की आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के सत्ता में आने से पहले नारा था रावाली जगन और कावाली जगन (आना है जगन और चाहिए जगन) और सत्ता में आने के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का नारा बदल गया और रवाली जीजस और कावाली जीजस (आना है जेजस और चाहिए जीजस) पर आंध्र प्रदेश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।

आंध्र प्रदेश की जनता का नारा वदु बाबू वदू जगन (नहीं चाहिए जगन और नहीं चाहिए बाबू।) होगा। रावाली सोमू और कावाली पवन (आना है सोमू और चाहिए पवन)। इस बार तिरुपति के लोकसभा का उप चुनाव बीजेपी और जनसेना का संयुक्त उम्मीदवार ही जीतेगा। जगन मोहन रेड्डी की सरकार के आने के बाद करीब 150 से अधिक मंदिरो पर हमले हुए है और कई देवी देवताओ की मुर्तीयो को क्षतिग्रस्त किया गया है।

वाई एस जगन मोहन रेड्डी के विधानसभा क्षेत्र पुलिवेंदुलु के एक गणेश मंदिर में से भगवन गणेश की मूर्ति ही गायब हो गयी और पुलिस हाथ पे धरे बैठी रही। लगता है मंदिर से भगवन गणेश की मूर्ति ही नहीं बल्कि प्रदेश से सरकार भी गायब हो गयी है।

आंध्र प्रदेश को अगर बचाना है तो बीजेपी और जनसेना को साथ साथ चुनाव जीत कर आना है। तिरुपति से शुरू होगा अभियान जो सीधा आंध्र प्रदेश के विधानसभा तक जा कर समाप्त होगा। कार्यक्रम में जिला बीजेपी के वरिष्ठ नेता उपस्तिथ हुए।

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