एसआरएम में एक दिवसीय सेमिनार

आईएनएन, नई दिल्ली; @infodeaofficial;

चेन्नई. पन्यास पर आधारित फिल्मों और उपन्यास में काफी अंतर होता है। लोगों को कई बार इस बात का संशय रहता है कि जो कुछ फिल्मों में दिखाया गया है वहीं सब उपन्यास में भी होगा।

जबकि ऐसा नहीं होता है। एसआरएम इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेकनोलॉजी के तमिल विभाग ने उपन्यास और फिल्मों पर एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुए अभिनेता और अकादमिक सी कार्तिक ने कहा कि इसी वजह से कई बार उपन्यासकारों को नुकसान झेलना होता है। सेमिनार में उपन्यास और फिल्मों पर आलोचना भी की गई। तमिल विभाग के प्रमुख डा. बी. जयगणेशन ने सेमिनार में स्वागत भाषण दिया।

उपन्यास कलियुग किझवियूम ओन्नै कुट्टगलुम जो कि डा. शांति चित्रा द्वारा लिखा गया है और उसके तमिल अनुवाद का लांच किया गया। यह तमिल अनुवाद डा. बी. जयगणेशन ने किया है। इस मौके पर वार्षिक जनरल कविमल्लै को भी जारी किया गया। कार्यक्रम में फैकल्टि ऑफ साइंस एंड ह्यूमनीटिज के निदेशक डा. आर. बालासुब्रमनियम, अभिनेत्री रोहीनी, लेखिका भास्कर शक्ति, लेखिका सलमा, फैकल्टि ऑफ साइंस एंड ह्यूमनीटिज के डीन डा. जे. ज्योतिकुमार, अरुवि फिल्म के निर्देशक अरुन प्रभु पुरुषोतमन समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

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