दिल्ली के दक्षिण रिज एरिया में पेड़ों की कटाई के मामले में DDA के चेयरमैन उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया

INN/New Delhi, @Infodeaofficial

दिल्ली के दक्षिण रिज एरिया में पेड़ों की कटाई के मामले में DDA के चेयरमैन उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। एलजी ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी और ना ही उन्हें इस बात की जानकारी दी गई थी कि यहाँ पेडों की कटाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी ज़रूरी है।

उन्हें कोर्ट की इजाज़त का पता 21 मार्च को चला, जब एक्सपर्ट कमेटी के गठन के लिए डीडीए का प्रस्ताव उन्हें मिला,जबकि पेड़ो को काटने का काम 16 फरवरी से शुरु हो गया था। उनकी मंशा किसी तरह से कोर्ट की अवहेलना की नहीं थी। बिना कोर्ट की इजाज़त के जो पेड़ कटने की ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ हुई, उसके लिए उन्हें खेद है।

एलजी ने बिना कोर्ट की इजाज़त के पेड़ो को काटे जाने का दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि इसके पीछे मकसद भलाई का था। सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सज इंस्टीयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तक पहुंचने के लिए सड़क चौड़ी करने के मकसद से पेड़ काटे गए थे। इस प्रोजेक्ट में 2000 करोड़ का पब्लिक फंड का पहले ही निवेश किया जा चुका था।

प्रोजेक्ट के लिए कुल 642 पेड़ काटे गए, 1100 नहीं जैसा कि कोर्ट को बताया गया है। फरवरी में उन्होंने प्रोजेक्ट की प्रगति का जायजा लेने के लिए जगह का दौरा किया था, वहां उन्हें सिर्फ ये बताया गया था कि सम्बंधित ऑथोरिटी से परमिशन की ज़रूरत है। उन्होंने इस प्रकिया में तेज़ी लाने का निर्देश दिया था,पर उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि कोर्ट की इजाज़त ज़रूरी है।

एलजी ने कोर्ट से आग्रह किया है कि डीडीए उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा को अवमानना की कार्रवाई से बरी कर दे। जब पेड़ों की कटाई हुई, वो मेडिकल सर्जरी के चलते छुट्टी पर थे, 12 मार्च से पहले उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। जिम्मेदार DDA के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

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