रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret
तमिलनाडु में दिनों दिन जिस प्रकार से कोरोंना पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसे नियंत्रण में रखने के लिए राज्य सरकार ने एक नायाब तरीका खोज लिया है! राज्य सरकार इस बात पर पूरा जोर दे रही है कि कोरोना पॉजिटिव या फिर सस्पेक्टेड लोगों के इलाज के दौरान कम से कम ह्यूमन टच हो!
इससे इन मरीजों के इलाज मे लगे डॉक्टरों और पारा मेडिकल स्टाफ को इस इंफेक्शन से बचाया जा सकता है। हालांकि राज्य सरकार के पास कोरोंना पॉजिटिव लोगों के इलाज में लगे अस्पताल कर्मी के लिए पीपीई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके बावजूद भी ह्यूमन टच को कैसे कम किया जा सके इस पर राज्य सरकार काफी जोर दे रही है।
इसी क्रम में चेन्नई स्थित स्टेनली अस्पताल में कोरना पॉजिटिव लोगों के देखभाल के लिए अब रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस सुविधा का उद्घाटन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विजय भास्कर ने किया। इन रोबोट का इस्तेमाल कोरोना पॉजिटिव पेशेंट को दवा, भोजन आदि देने मैं इस्तेमाल में लाया जाता है।
अस्पताल में फिलहाल तीन रोबोट को इस काम के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है। अभी और 7 रोबोट को अस्पताल में आने को है। जिसके बाद कुल रोबोट की संख्या 10 हो जाएगी। इस रोबोट का नाम जाफिगो है।
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अभी यहां करीब 95 ऐसे लोग भर्ती हैं जो कोरोंना पॉजिटिव व सस्पेक्टेड हैं। इनमें से 19 ऐसे लोग हैं जो करना पॉजिटिव पेशेंट हैं। गौरतलब है कि 19 कोरोंना पॉजिटिव इसमें 14 ऐसे हैं जिनका संबंध नई दिल्ली के तबलीगी जमात से है।
स्टेनली अस्पताल में करना पॉजिटिव दो लोगों की हाल ही में मौत हुई है। इनमें से एक व्यक्ति तबलीगी जमात मैं शामिल हो वापस आया था। उस व्यक्ति की उम्र करीबन 60 साल थी।
दूसरा व्यक्ति जिसकी उम्र 71 साल है वह पेशे से बिजनेसमैन था हाल ही में दुबई से वापस लौटा था। उसने राज्य सरकार को गलत जानकारी दी थी कि वह काफी दिनों पहले ही विदेश यात्रा कर लौटा है। लेकिन सरकारी एजेंसियों ने गुड के पकड़ लिया और उसे होम करंट टाइम में रहने की सलाह दी थी।
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