विष्णु शर्मा, आईआईएन/चेन्नई, @svs037
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास में गुरुवार को सतत लागत पर सतत विकास विषय पर प्रथम अब्दुल कलाम कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। यह चार दिवसीय कॉन्फ्रेंस अमरीका के तक्ष्य सेंटर फॉर स्मार्ट विलेज इनिशिएटिव और ग्लोबल बिजनेस काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है।
पूर्व राष्ट्रपति स्व. डा. एपीजे अब्दुल कलाम की परियोजना पुरा (प्रोवाइडिंग अमेनिटीज इन रूरल एरियाज) के तहत शुरू हुई इस कॉन्फ्रेंस का मानना है कि ग्रामीण विकास से ही भारत के विकास की शुरुआत होती है।
कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन के मौके पर संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति के सलाहकार वी. पोन्नराज ने कहा डा. कलाम ने 500 सदस्यों की 17 टास्क टीम तैयार की थी जिसने दो साल तक विजन 2020 फॉर इंडिया के लिए काम किया और सिफारिशों की व्यापक रिपोर्ट वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को सौंपी।
इसमें जल, ऊर्जा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और रोजगार सभी क्षेत्र शामिल थे। उन्होंने कहा वे आशा करते हैं कि भारत के विद्यार्थी उनके उद्देश्य को समझेंगे। उन्होंने ऊर्जा स्वतंत्रता, पर्यावरण और जल प्रबंधन पर एकीकृत मिशन पर काम किया।
आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति ने कहा विकेंद्रित और छोटे सिस्टम से लाभार्थियों का सिस्टम में जाने वाले स्रोत पर अधिक नियंत्रण रहेगा।
ग्रामीण ऊर्जा आत्मनिर्भरता एवं उद्यम, पृथ्वी का नवीनीकरण, नए स्रोतों तक पहुंचना, योजनाओं व परिकल्पनाओं को कार्यान्वयन में लाना और स्वास्थ्य सेवा के लिए वैश्विक संधि आदि सम्मेलन की मूल थीम है। सम्मेलन में विद्यार्थी, वैज्ञानिक और अकादमीशियन हिस्सा ले रहे हैं।
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