आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
रेलवे के जनरल डिपार्टमेंट कम्पीटीटिव एक्जाम (जीडीसीई) की परीक्षा तमिल में कराने को लेकर रविवार को डीएमके सांसद कनिमोझी, राज्यसभा सदस्य आरएस भारती, पी. विल्सन समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा जिसकी एक प्रति दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक राहुल जैन को सौंपी।
यह पत्र पार्टी और पार्टी अध्यक्ष एमके स्टालिन की ओर से सौंपा गया। रेलवे ने इसकी परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी में कराने की घोषणा की थी, जिस पर स्टालिन ने विरोध जताया था।
डीएमके का कहना है सरकार के इस आदेश से तमिलभाषियों को काफी नुकसान होगा। अंग्रेजी और हिंदी भाषा की जानकारी नहीं होने के कारण वे लोग रेल सेवा में शामिल नहीं हो पाएंगे। डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार अपने प्रयास के माध्यम से राज्य और इसके लोगों पर हिन्दी थोपने का प्रयास कर रही है।
रेलवे का यह प्रयास न केवल तमिलनाडु बल्कि उन सभी राज्यों के लोगों को परेशान करेगा जहां क्षेत्रीय भाषा को ज्यादा प्रमुखता दी जाती है। यदि रेलवे अपने इस फैसले पर अडिग रहा तो उन राज्यों के युवाओं को रेल सेवा में भर्ती होने का मौका ही नहीं मिलेगा जिन्हें हिंदी व अंग्रेजी भाषा की जानकारी न हो।
गैरहिंदी भाषी क्षेत्र के युवाओं को रेलवे व अन्य केंद्र सरकार की नौकरियों में शामिल करने के लिए क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा आयोजित करना जरूरी है।
अगर इस नियम को बदला नहीं गया तो केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के हजारों युवा प्रभावित होंगे। इसलिए डीएमके की ओर से आग्रह किया गया है कि इस परीक्षा को तमिल के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित कराया जाय।
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