युवाओं को मिला जुमला, चार साल में क्या बदला?

मोदी सरकार विदेश नीति, महंगाई थामने और आर्थिक विकास को लेकर अपनी पीठ भले ही थपथपाए, लेकिन इस उजली तस्वीरों के बावजूद युवाओं के लिए रोजगार सृजन आज भी चुनौती तो है।
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial 
र्तमान देश दो धाराएं आमने—सामने हैं। स्वयं को राष्ट्रवादी धारा कहने वाले कहते हैं कि देश सशक्त हुआ है और युवा उत्पादक हो रहा है। जबकि दूसरी धारा कहती है कि यह प्रधानमंत्री मोदी का केवल दावा है, पर असल में यह भ्रम है। 
   
मोदी सरकार विदेश नीति, महंगाई थामने और आर्थिक विकास को लेकर अपनी पीठ भले ही थपथपाए, लेकिन इस उजली तस्वीरों के बावजूद युवाओं के लिए रोजगार सृजन आज भी चुनौती तो है। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के नंगुनेरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक एच. बसंत कुमार ने कहा कि विश्वभर में सबसे युवा आबादी वाला देश हमारा है। यह आवश्यक कि हम युवा ऊर्जा का सही उपयोंग करें और सही मार्ग दिखाएं। अगर हमने ऐसा कर दिया तो हमें विश्व की सबसे बड़ी ताकत बनने से कोई रोक नहीं सकता।
इंफोडिया के साथ विशेष बातचीत में बसंत टीवी के संस्थापक बसंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा भारत को विश्व गुरु व सर्वाधिक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का सपना तो दिखाते हैं, लेकिन यह हवाहवाई है।
क्योंकि देश सशक्तिकरण युवा सशक्तिकरण के बिना नहीं हो सकता और इस सरकार में इस देश का युवा हताश व निराश है।
   
मोदी सरकार की नौकररियों से अधिक युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उपक्रम को वो अच्छा तो मानते हैं और कहते हैं कि  आज के युवाओं को नौकरी से अधिक उद्यम पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वे न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनें, बल्कि औरों का भी सहारा बनें। लेकिन वे सवाल भी उठाते हैं कि यह होगा कैसे? देश की शिक्षा व्यवस्था तो वही पुराने ढर्रे वाली है, जहां ज्ञान व कौशल के बजाय कागज का टुकड़ा बांटने पर जोर दिया जाता है। 
एक जनप्रतिनिधि व उद्यमी होने के नाते वे इस समस्या के समाधान में अपनी भूमिका किस प्रकार देखते हैं, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वे नंगुनेरी विधानसभा क्षेत्र में युवाओं को कौशल व उद्यम की महत्ता बताने और इसके लिए प्रेरित करने के लिए अनेक प्रयास कर रहे हैं। वे युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए समय—समय पर जॉब फेयर का आयोजन कराते हैं। इसमें चयनित युवाओं को वह अपने संस्थान व अन्य संस्थानों में स्थापित कराते हैं। इसके अतिरिक्त वो युवाओं को साक्षात्कार के लिए तैयार करने में सहायता के लिए समय—समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाते हैं। 
क्षेत्र में विकास कार्यों की बात आने पर वसंत कुमार ने बताया कि उनका जोर मुख्यत: क्षेत्र की स्वच्छता, स्वास्थ्य व जन समस्याओं का समाधान है। वे क्षेत्र में जाकर जन समस्याओं को सुनते हैं और अपने स्तर पर उसके समाधान का प्रयास करते हैं। साथ ही अपने व्यक्तिगत व्यय पर क्षेत्र में समय—समय पर नदी—नालाओं की सफाई कराते हैं और मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव कराते हैं।
लोकसभा का चुनाव निकट आ रहा है। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव भी बहुत दूर नहीं है। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी पार्टी की संभावना को बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस के भविष्य को लेकर वो क्या सोचते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार दिशाहीन हो चुकी है।
वर्तमान राज्य सरकार की कार्यशैली व जनसमस्याओं के प्रति उदासीनता से जनता हताश व निराश है। अबकी बार इन्हें सत्ता नहीं सौंपेगी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए हम संगठन को राष्ट्रीय व राज्य दोनों स्तर पर मजबूत करने के काम में जुट गए हैं। चुनाव आने दीजिए, इस बार हम सरकार बनाएंगे। उनका कहना है कि आज के युवा सही गलत का फैसला करने में हमसे अधिक सक्षम हैं। पिछले दो सालों से राज्य में पंचायत चुनाव नहीं हुए हैं। 
तमिलनाडु में फ्रीबीज के चलन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पहले लोगों की जरूरत के अनुसार राजनैतिक पार्टियों की तरफ से फ्रीबीज के तौर पर टीवी, पंखा, मिक्शी आदि देने का वादा किया जाता था। इसका कुछ हद तक प्रभाव वोट अनुपात पर भी पड़ता था लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं रही है। आज का युवा इन फ्रीबिज के बावूजद भी यह देने वाले पार्टी या प्रत्याशी से प्रभावित नहीं होगा। वह मतदान करने से पहले हर अच्छे व बुरे पहलू के बारे में सोचकर मतदान करता है।  
उनका कहना था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष तिरुनावकरसर के नेतृत्व में इस बार पार्टी पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अभी से ही चुनावी योजना की तैयारियों और में लगी हुई है। हम लोगों से सीधे संवाद कर यूपीए कार्यकाल की लाभकारी व जनहिताय योजनाओं के बारे में जागरुक करेंगे और उनके समक्ष केंद्र व राज्य सरकार की खामियों को उजागर करेंगे। जनता को बताएंगे कि पिछले चार साल के शासन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को मूर्ख बनाने के अलावा और कोई काम नहीं किया है। 
मोदी जी ने सत्ता में आने से पहले कालाधन वापस लाने की बात कही थी। पर हुआ क्या, यह सभी को पता है। मोदी जी अब इस विषय का उल्लेख तक नहीं करते।
ऐसे ही कई उदाहरण है जिससे यह साफ होता है कि मोदी ने अपने चुनावी वायदे न निभाकर जनता के साथ विश्वासघात किया है।
बसंत कुमार पूछते हैं कि भ्रष्टाचार क्या जड़ से खत्म हो गया? आज भी तालुक और तहसीलदार ऑफिस में वैसे ही काम चल रहा है जैसा पहले चला करता था।
इन्हें नजरअंदाज कर मोदी जी अपना पीठ थपथपा रहे हैं कि भ्रष्टाचार उन्होंने खत्म कर दिया। वहीं बड़े स्तर पर घोटाले हुए जैसे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या को विदेश भेजना, रिलायंस कंपनी को राफेल डील सौगात में देना।
प्रधानमंत्री मोदी ने कभी इन मसलों पर न तो जनता को कोई जवाब दिया और न ही मीडिया से मुखातिब हुए। यदि मोदी जी देश के युवाओं और उनकी बेरोजगारी की समस्या को तनिक भी गम्भीरता से लेते के तो  जिस प्रकार जनधन योजना के तहत बैंक खाते खुलवाए, उसी प्रकार मुद्रा योजना और स्टार्टअप योजना के लिए बेरोजगार युवाओं की सूची रोजगार कार्यालय से मंगवा उन युवाओं को नए उद्योग-धंधे स्थापित करने के लिए कर्ज मुहैया कराते तो देश की उन्नति की रफ्तार और तेज होती। 
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