आईआईएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भारत गणराज्य के खिलाफ सभी दावों को खारिज कर दिया है। भारत में पांच दूरसंचार क्षेत्रों में 2जी सेवा देने के संदर्भ में दूरसंचार लाइसेंसो के जारी होने के लिए आशय पत्रों को निरस्त करने से यह विवाद उत्पन्न हुआ था। भारत के सुरक्षा हित समेत अन्य कारणों की वजह से यह निरस्तीकरण हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग (यूएनसीआईटीआरएएल) मध्यस्थता नियम 1976 – हेग, नीदरलैंड के अनुसार न्यायाधिकरण का गठन किया गया और स्थायी मध्यस्थता न्यायाधिकरण, हेग, नीदरलैंड के द्वारा सुनवाई करने के बाद 19 जुलाई, 2019 फैसला सुनाया गया।
टेनोक होल्डिंग्स लिमिटेड (साइप्रस), श्री मेक्सिम नाउमचेन्कों (रूसी गणराज्य) और श्री आंद्रे पोल्यूकटोव (रूसी गणराज्य) ने उक्त वाद भारत गणराज्य के खिलाफ दाखिल किया था।
उक्त वाद रूसी गणराज्य सरकार और भारत गणराज्य सरकार के समझौते के अंतर्गत निवेश के संवर्धन और परस्पर सुरक्षा एवं भारत गणराज्य सरकार और साइप्रस गणराज्य सरकार के समझौते के अंतर्गत निवेश के संवर्धन और परस्पर सुरक्षा के तहत दाखिल किया गया था। सभी दावों को संपूर्णता के साथ खारिज किया गया।
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