नवाचार और सहयोग सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र की प्रगति की कुंजी
आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में सचिव डॉ. अरुण पांडा ने आशा व्यक्त की है कि दूसरे अंतर्राष्ट्रीय एसएमई सम्मेलन की बदौलत देश-विदेश की ओर से भाग लेने वाले उद्यमियों के बीच संयुक्त उद्यमों, समझौता ज्ञापनों, विभिन्न क्षेत्रों में फलदायी सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि नवाचार और सहयोग एमएसएमई क्षेत्र की प्रगति की कुंजी हैं और इस क्षेत्र की प्रगति से निश्चित रूप से रोजगार सृजन और देश के जीडीपी को बढ़ाने में मदद करेगी। श्री पांडा ने कहा कि जल्द ही एक पोर्टल शुरु किया जाएगा, जिसमें उद्यमियों के बारे में सभी प्रकार की उपयुक्त जानकारी होगी, जिससे सहयोग और संयुक्त उपक्रमों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर स्पेन और भारतीय कंपनी के बीच, इमारतों, पुलों आदि में नमी के इलाज की एक नई तकनीक करोशन प्रोटेक्शन कोटिंग्स के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह करोशन प्रोटेक्शन की लागत को कम करती है और संरचना के जीवन काल को बढ़ाती है।
मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती अलका अरोड़ा ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि एमएसएमई क्षेत्र ने गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और ‘कारोबार करने की सुगमता’ में देश की रैंकिंग में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रतिनिधि ने कहा कि उद्यमियों को वित्त और बाजारों तक पहुंच के साथ बेहतर कुशल कार्यबल के लिए प्रशिक्षु कार्यक्रम भारत में एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा दे सकते हैं जिससे देश में निश्चित रूप से गरीबी और बेरोजगारी में कमी आयेगी।
इस अवसर पर इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष श्री प्रहलाद कक्कड़, भारत में चेक गणराज्य के राजदूत महामहिम मिलन होवोरका, डब्ल्यूयूएसएमई के महासचिव श्री नॉर्बर्ट नॉल ने भी प्रतिनिधियों को संबोधित किया।
एसएमई विकास कार्यनीतियों – ‘भारत में एमएसएमई परिदृश्य का रूपांतरण’, अंतर्राष्ट्रीय एसएमई के लिए भारत गंतव्य’ पर सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें पैनल में शामिल कई विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए।
अंतर्राष्ट्रीय एसएमई सम्मेलन का आयोजन एमएसएमई मंत्रालय तथा सह-आयोजन इंडिया एसएमई फोरम, यूएनआईडीओ और आर्थिक कूटनीति एवं विदेश विभाग, विदेश मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।