राजस्थान की धरती सोना उगलेगी

सोने और अयस्क खनन के लिए भुखिया-जगपुरा खनन ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया पूरी

INN/Jaipur, @Infodeaofficial

राजस्थान की धरती सोना उगलेगी। राजस्थान सरकार ने बांसवाड़ा में स्वर्ण (सोने) और अयस्क खनन के लिए भुखिया-जगपुरा खनन ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसका लाइसेंस रतलाम की सैयद ओवैस अली फर्म को मिला है। इसके साथ ही देश में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद राजस्थान चौथा राज्य होगा, जहां सोने का खनन होगा।

खनिज अभियंता गौरव मीणा ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल उपखंड में खदान के लिए दो ब्लॉक भूकिया-जगपुरा आवंटित किए गए थे। गत दिनों दोनों ब्लॉक के लिए तकनीकी बिड खुलने के बाद अब खनन पट्टे के आवंटन की प्रक्रिया जारी है। भुखिया-जगपुरा स्वर्ण ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस के लिए बड़ी कंपनियों के बीच कड़ी स्पर्धा रही। इसमें रतलाम की कंपनी ने 65.30% की बोली लगाई और सोने के खनन के लिए ब्लॉक अपने नाम किया।

राजस्थान के बांसवाड़ा में सोने के खनन के लिए आवंटित दो ब्लॉक में से भूखिया-जगपुरा के लिए लाइसेंस दे दिया गया है, जबकि दूसरे ब्लॉक कांकरिया गारा गोल्ड के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 कंपनियां आई हैं। इसमें अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, मुंबई की पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और कानपुर की जेके सीमेंट लिमिटेड में प्रतिस्पर्धा रही जिसमे रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड द्वारा अधिकतम बोली लगाई गई ।

सोने के भंडार, मिलेगा रोजगार भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक इस क्षेत्र में 940.26 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है। इसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। वहीं कांकरिया गारा में 205 हेक्टेयर में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित है। इन सोने की खदानों से सोने के साथ अन्य सह खनिज भी निकलेंगे। बांसवाड़ा जिले में सोने के खनन से इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पेट्रो केमिकल्स, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होने की संभावना है।

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